Diabetic Macular Edema Treatment in Panipat | Gupta Eye Hospital
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May 2, 2022
Age-Related Macular Degeneration:
मैक्यूलर डिजनरेशन आंखों से संबंधित समस्या है। जिसमें रेटिना में कमी आ जाती है यानी रेटिना को क्षति होने लगती है। इसका सीधा असर आंखों की देखने की क्षमता पड़ता है। यह अधिकांश तौर में बढ़ती उम्र में होता है। धूम्रपान, मोटापा, उच्च रक्तचाप और बहुत अधिक संतृप्त वसा खाने सहित कुछ कारक मैक्यूलर डिजनरेशन के विकास के जोखिम को बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं।
Gupta Eye Hospital has highly experienced Retina Specialist Dr. BK Gupta & Dr. Kanav Giupta for the treatmentf of Age-related Macular Degeneration. So if you are in Panipat of nearby if you have any Retina related problem , please visit Gupta Eye Hospital - Panipat or contact us at: +91-9728500332; 0180-2697887
Age-Related Macular Degeneration:
मैक्यूलर डिजनरेशन आंखों से संबंधित समस्या है। जिसमें रेटिना में कमी आ जाती है यानी रेटिना को क्षति होने लगती है। इसका सीधा असर आंखों की देखने की क्षमता पड़ता है। यह अधिकांश तौर में बढ़ती उम्र में होता है। धूम्रपान, मोटापा, उच्च रक्तचाप और बहुत अधिक संतृप्त वसा खाने सहित कुछ कारक मैक्यूलर डिजनरेशन के विकास के जोखिम को बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं।
आंख का मैक्युला पैनी और केंद्रित नजर के लिए आवश्यक होता है। यह रेटिना के केंद्र के पास एक छोटे से निशान के रूप में दिखाई देता है। मैक्युला हमारी आंख की सीध में आने वाली किसी भी वस्तु को देखने में मदद करता है। मैक्यूलर डीजनरेशन इसी मैक्युला के क्षतिग्रस्त होने के कारण होने वाली एक सामान्य आंख की बीमारी है। इससे कुछ लोगों को अंधापन हो सकता है। मैक्युलर डीजेनेरेशन सूखा (ड्राई) और गीला (वेट) दो प्रकार का होता है।मैक्युलर डीजेनेरेशन के लक्षण क्या हैं?
मैक्युलर डीजेनेरेशन के संकेत और लक्षण निम्नलिखित हैं:
- आंखें लाल होना तथा दर्द होना
- ऐसा लगता है जैसे कोई छाया या एक काला पर्दा आंखों के सामने मौजूद है।
- सीधी रेखाएं टेढ़ी-मेढ़ी दिखाई देती हैं
- धुंधला या विकृत दिखाई देना।
- वस्तुएं सामान्य आकार की तुलना में छोटी दिखाई देती हैं।
- नजर की चमक में बदलाव होना (जैसे कभी धुंधला दिखना तो कभी साफ दिखना)।
- मतिभ्रम (ऐसी चीजें देखना जो मौजूद नहीं हैं) होना।
- अपने सामने की वस्तुओं को देखने में दिक्कत महसूस करना।
- अंधापन या नजर कमजोर होना। (और पढ़ें - रतौंधी का इलाज)
मैक्युलर डीजेनेरेशन के कारण क्या हैं?
मैक्युलर डीजेनेरेशन मुख्य रूप से रेटिना के क्षतिग्रस्त होने के कारण होता है, जिससे रेटिना का मध्य भाग खराब हो जाता है। मैक्युलर डीजेनेरेशन के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:
- माता-पिता से बच्चों को
- पर्यावरण
- आयु
- जेनेटिक (अनुवांशिक), जैसा कि Stargardt (स्टरगार्ड्ट, ये भी एक अनुवांशिक रोग है) रोग में देखा जाता है।
मैक्युलर डीजेनेरेशन का निदान कैसे किया जाता है?
मैक्युलर डीजेनेरेशन का निदान एक नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा किया जाता है, जो निम्नलिखित विधियों से आंखों की पूरी जांच करता है:
एम्सलर ग्रिड:
एम्सलर ग्रिड को देखने के दौरान एक विशेष लेंस का उपयोग करते हुए आंखों की जांच की जाती है, जो रेटिना और मैक्युला में परिवर्तन का पता लगाने में मदद करती है। एम्सलर ग्रिड एक उपकरण है, जिसका प्रयोग नेत्र रोग विशेषज्ञ आंखों की जांच में करते हैं।
डाइलेटेड आई एग्जामिनेशन:
परीक्षाण के दौरान रेटिना को देखने में आसानी के लिए आपकी आंखों को फैलाने और आंखों की पुतली को चौड़ा करने के लिए आई ड्रॉप का उपयोग किया जा सकता है।
विजुअल एक्युटी टेस्ट:
इस टेस्ट में एक चार्ट की मदद से अक्षर या चिन्हों को दिखाकर ये परिक्षण किया जाता है कि आप कितना साफ देख पाते हैं।
कुछ रेडियोलॉजिकल तकनीकें भी उपयोग की जाती हैं, जैसे:
फ्लोरेसेंस एंजियोग्राफी:
फ्लोरेसेंस एंजियोग्राफी में फ्लोरेसेंसिन (पीली डाई) को खून में इंजेक्ट करने से आंखों में खून की नसें उभरी हुई साफ दिखने लगती है, परिक्षण के लिए इनका फोटो लिया जाता है।
ऑप्टिकल कोहरेंस टोमोग्राफी (OCT) Optical Coherence Tomography
ये एक प्रकार का इमेजिंग टेस्ट है, जो मैक्युलर डिजनरेशन के रेटिना को स्कैन करने में मदद करता है, इससे डॉक्टर रेटिना की अलग-अलग परतें देख सकते हैं।